नई दिल्ली, दिसम्बर 23 -- कलियुग में धन कमाने के तरीके बहुत बदल गए हैं। कई लोग गलत रास्ते, जैसे धोखा, ठगी, रिश्वत या अन्य अनैतिक तरीकों से धन कमाते हैं। फिर सोचते हैं कि इसका दान कर दें, तो पाप धुल जाएगा और पुण्य मिलेगा। लेकिन वृंदावन के प्रसिद्ध संत श्री हित प्रेमानंद जी महाराज अपने सत्संगों में स्पष्ट कहते हैं कि गलत धन का दान करने से पुण्य नहीं, बल्कि और पाप लगता है। महाराज जी शास्त्रों का हवाला देते हुए बताते हैं कि दान की शुद्धता धन की शुद्धता पर निर्भर करती है। गलत कमाई का दान भगवान स्वीकार नहीं करते हैं। आइए महाराज जी की शिक्षाओं से विस्तार से समझते हैं।गलत धन का दान क्यों नहीं देता पुण्य? प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जैसे चोरी का माल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न नहीं होते, वैसे ही गलत कमाई का दान भी व्यर्थ है। शास्त्रों में कहा गया ह...
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