मैनपुरी, मई 27 -- क्षेत्र के ग्राम नगला वन स्थित ब्रह्मदेव मंदिर नहरपुल पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथाव्यास राजा शास्त्री ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित न करना अपराध है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथाव्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं, उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति की। हमारे पूर्वजों ने सदै...