नई दिल्ली, अगस्त 28 -- भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं हो सकता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो किसी भी कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं। इसके साथ ही वे बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक भी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता-पिता की परिक्रमा कर उन्होंने बुद्धि से श्रेष्ठता साबित की और उन्हें प्रथम पूज्य की उपाधि प्राप्त हुई। भगवान गणेश की जिस व्यक्ति पर कृपा हो जाए उसका जीवन सुखमय हो जाता है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए रोजाना उनकी पूजा कर उन्हें भोग लगाएं और आरती करें। आगे पढ़ें भगवान गणेश की आरती-Ganesh Ji Ki Aarti, गणेश जी की आरती- जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। ...