धनबाद, अक्टूबर 11 -- 25 सितंबर 1995 को गजलीटांड़ खदान हादसे में 64 खनिकों की जान चली गई थी। इतनी बड़ी खान दुघर्टना थी कि देशभर में इसकी शोर सुनाई दी थी। इस खान हादसे के बाद गजलीटांड़ जैसे हरेभरे क्षेत्र की उपेक्षा शुरू हुई। पहले गजलीटांड़ कॉलोनी में रहने के लिए बीसीसीएल कर्मी लालायित रहते थे। खनन में निजी कंपनियों का बढ़ता प्रभाव, खनन क्षेत्र का विस्तार आदि के कारण गजलीटांड़ की सुंदरता और सुविधा दोनों पर ग्रहण लग गया। बोले धनबाद के लिए आयोजित संवाद में स्थानीय लोगों ने गजलीटांड़ की पीड़ा पर खुलकर बात की। पिछले महीने ही शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। कतरास क्षेत्र व नगर निगम के वार्ड संख्या पांच में स्थित गजलीटांड़ कॉलोनी को स्थानीय लोग कोयलांचल का मिनी कश्मीर कहते थे। वही गजलीटांड़ कॉलोनी समस्याओं के भंवर में है। 25 सित...
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