गंगापार, जून 10 -- बहरिया, हिन्दुस्तान संवाद। बहरिया क्षेत्र में छोटी-बड़ी माइनर समेत पचास से अधिक नहरें हैं। जो करीब सत्तर किमी लंबी हैं। इन नहरों से रबी और खरीफ की कुल डेढ़ लाख चार हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। धान की नर्सरी डालने के लिए खेत तैयार कर किसान पानी का आस लगाए हुए हैं, लेकिन अभी तक नहरों में पानी की जगह धूल उड़ रही है। करनाईपुर, बघोला, दादूपुर, बडौरा, दोनइया, महपुरा, सरायजनी, रामगढ़ कोठारी, बिजलीपुर, हसनपुर, बोमापुर, सरायगनी आदि गांवों में खंड 39 रजबहा की नहर से सिंचाई की जाती है, हजारों एकड़ खेतों में धान की नर्सरी से लेकर धान की रोपाई के लिए किसान पानी को लेकर चिंतित हैं। क्षेत्रीय किसान सूखी नहर की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं। सुइथाकलां क्षेत्र के सूरापुर, डीह असरफाबाद, पूरासम्भल शाह, रुधौली, सुइथाकलां, करीमपुर, डेहरी, ...
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