बिहारशरीफ, दिसम्बर 22 -- नालंदा साहित्य उत्सव 06 : खाकी के भीतर भी रहता है संवेदनशील इंसान-अमित लोढ़ा बोले-कभी अपराधियों को पकड़ने आता था, आज साहित्य पर बात करने आया हूं पुलिस में अनुशासन जरूरी, पीड़ा समझने के लिए संवेदनशीलता भी उतनी ही आवश्यक बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम। अपराधियों के पसीने छुड़ाने वाले चर्चित आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा सोमवार को एक अलग अंदाज में नजर आए। राजगीर स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में चल रहे नालंदा साहित्य महोत्सव के सत्र राइटिंग इंडिया इन इंग्लिश में शामिल होने पहुंचे अमित लोढ़ा ने खाकी वर्दी और साहित्य के रिश्तों पर बेबाकी से बात की। उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि भले ही सख्त हो, लेकिन वर्दी के पीछे भी एक इंसान होता है, जिसके अंदर संवेदनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि यहां कभी अपराधियों को पकड़ने आते थे, आज साह...
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