जयपुर, अगस्त 1 -- राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले के लंबित रहने से किसी के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने एक आदमी को हज यात्रा के लिए पासपोर्ट दोबारा जारी करने से इनकार करने के आरपीओ के फैसले को खारिज कर दिया। राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि महज आपराधिक मामले के लंबित रहने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन नहीं हो सकता। कोर्ट ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) द्वारा कोटा के एक आदमी को हज यात्रा के लिए पासपोर्ट दोबारा जारी करने से इनकार करने के फैसले को खारिज कर दिया। जस्टिस अनूप कुमार ढांड ने कहा कि आपराधिक मामले का लंबित होना याचिकाकर्ता को धार्मिक उद्देश्य से विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता। कोटा ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.