नई दिल्ली, अगस्त 21 -- मोदी सरकार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आरोप के मद्देनजर 30 दिनों से ज्यादा की जेल के बाद पद से हटाने वाला बिल लेकर आई है, जिसपर हंगामा मच गया है। अमित शाह के बुधवार को बिल लोकसभा में पेश करते हुए कांग्रेस, सपा, एआईएमआईएम समेत पूरे विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया। विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के कानून बनने के बाद केंद्र सरकार उन राज्यों को टारगेट करेगी, जहां विपक्षी दलों की सरकार है, जबकि कानून के हिसाब से जब तक कोई आरोपी दोषी न साबित हो जाए, तब तक उसे निर्दोष ही माना जाता है। फिलहाल, इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) को भेज दिया गया है, जहां पक्ष-विपक्ष, दोनों के सांसद बिल के प्रावधानों पर विचार करेंगे, और फिर इसे अगले संसद सत्र में पास करवाने की कोशिश की जा सकती है। इस बिल के लाए...
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