नई दिल्ली, दिसम्बर 18 -- 1940 के दशक में अमेरिका के 'मैनहैटन प्रोजेक्ट' और उसके बाद ट्रिनिटी टेस्ट ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी। दुनिया के पहले परमाणु बम को बनाने के लिए शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट पर अमेरिका ने करीब 2 बिलियन डॉलर खर्च किए थे, जिनकी आज के समय में तुलना की जाए तो, यह लगभग 30 बिलियन डॉलर से अधिक होंगे। वहीं आंकड़ों के मुताबिक प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए लगभग 1.3 लाख लोगों ने काम किया था। अब चीन भी ऐसे ही एक खुफिया प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन को अगर इसमें सफलता मिल गई तो वह एक ऐसे रेस में पश्चिम को सीधी चुनौती देने में कामयाब हो जाएगा, जहां सालों से पश्चिमी देशों का वर्चस्व बना हुआ है। यह रेस है सेमीकंडक्टर की। दरअसल चीन लंबे समय से सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनन...