नई दिल्ली, अक्टूबर 10 -- सुप्रीम कोर्ट ने विचाराधीन कैदियों के वोटिंग अधिकार पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। शुक्रवार को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह कदम उठाया। याचिका में देश भर की जेलों में बंद लगभग 4.5 लाख विचाराधीन कैदियों को वोट देने का अधिकार मुहैया कराने की मांग की गई है। विचाराधीन कैदी वे लोग हैं जिनका मुकदमा अभी चल रहा है और उन्हें सजा नहीं हुई है। यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा क्यों न मिले? SC ने सरकार से पूछा, कितना दिया समय चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर ध्यान दिया। भूषण ने कहा कि प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के तहत सभी कैदियों को वोटिंग से रोकना संविधान के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक नियमो...