नई दिल्ली, सितम्बर 11 -- सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में उत्तराखंड की सात वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने उस आरोपी को बरी कर दिया जिसे निचली अदालत और उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाई थी। इस दिल दहला देने वाली वारदात को उस समय 'छोटी निर्भया' केस कहा गया था, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी।क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने? जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन जजों की पीठ ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि अभियोजन आरोप साबित करने में पूरी तरह असफल रहा। अदालत ने पाया कि मामला केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित था और उन साक्ष्यों की कड़ी अधूरी रही। पीठ ने कहा, "हमारी राय में अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिला...