नई दिल्ली, जून 11 -- दिल्ली में तमाम प्रयासों के बावजूद भूजल संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) नहीं हो पा रहा है। दिल्ली के 34 में से 14 क्षेत्र ऐसे हैं जहां सालभर में जितना भूजल संचयन होता है, उससे ज्यादा निकाल लिया जाता है। दिल्ली के 41.18 फीसदी इलाके भूजल के अत्यधिक दोहन की चपेट में है, जबकि 38 फीसदी अन्य इलाके भी खतरनाक श्रेणी में पहुंच गए हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड की ओर से जारी की गई विस्तृत रिपोर्ट में राजधानी में बढ़ते जल संकट की गंभीर तस्वीर सामने आई है। इसे दिल्ली के लिए खतरे की चेतावनी माना जा रहा है।चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने यह रिपोर्ट बताती है कि पानी के संकट से जूझ रही दिल्ली के पास भविष्य में इस्तेमाल के लिए भूजल बहुत कम है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 2024 में 34,190.5 क्यूबिक हेक्टेयर भू-जल रिचार...