भागलपुर, मई 27 -- हिन्दुस्तान विशेष भागलपुर, वरीय संवाददाता आपराधिक घटना में प्राथमिकी और अप्राथमिकी आरोपियों के नाम जोड़ने और पहले से दिए नाम हटाने को लेकर होने वाले खेल पर पुलिस मुख्यालय की नजर है। पर्यवेक्षी पदाधिकारियों द्वारा आरोपियों के अभियुक्तिकरण को लटकाए जाने, उसमें होने वाली देरी के बाद भयादोहन की आशंका को लेकर मुख्यालय ने सख्ती दिखाई है। डीजीपी विनय कुमार ने भागलपुर सहित सभी जिलों को इसको लेकर स्पष्ट निर्देश दिया है। उन्होंने रेंज और जिले के वरीय अधिकारियों को इसपर नजर रखने को कहा है और पर्यवेक्षी पदाधिकारियों को तय समय के अंदर निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है। गौरतलब है कि पर्यवेक्षी अधिकारी के तौर पर डीएसपी और इंस्पेक्टर ही होते हैं। डीएसपी के पर्यवेक्षण रिपोर्ट के ही आधार पर एसपी भी रिपोर्ट टू निकालते हैं। जांच में नाम डाल...
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