सुल्तानपुर, दिसम्बर 21 -- दोस्तपुर, संवाददाता कस्बे में आयोजित श्री राम कथा के सातवें दिन वृन्दावन धाम से पधारे कथावाचक पंडित दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने केवट-राम संवाद का भावपूर्ण वर्णन किया। उनकी ओजस्वी वाणी और प्रसंग की गहन व्याख्या से पंडाल में मौजूद श्रोतागण भावविभोर हो उठे। कथावाचक ने बताया कि गंगा पार कराने से पूर्व केवट द्वारा भगवान श्री राम के चरण पखारने की इच्छा केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि सेवा, भक्ति और समर्पण का अद्वितीय प्रतीक है। इस प्रसंग में भक्त और भगवान के बीच का मधुर संबंध झलकता है, जहां अहंकार नहीं, अपितु निष्काम सेवा सर्वोपरि है। वहीं भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत भजन 'कभी-कभी भगवान को भक्तों से काम पड़े, जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े' ने वातावरण को और अधिक आध्यात्मिक बना दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद का वितरण ...