अयोध्या, दिसम्बर 28 -- बीकापुर,संवाददाता। विकासखंड क्षेत्र के पूरे महावीर चवरढार में आयोजित संगीत मय सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें और आखिरी दिन कथा प्रवाचक पं.दिवाकर धराचार्य ने कथा में सुदामा चरित्र का रोचक वर्णन किया। कहा कि सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और बलराम के साथ संदीपनि ऋषि के आश्रम में शिक्षा ली थी। दरिद्रता तो जैसे सुदामा की चिरसंगिनी ही थी। एक टूटी झोपड़ी,दो-चार पात्र और लज्जा ढकने के लिए कुछ मैले और चिथड़े वस्त्र,सुदामा की कुल इतनी ही गृहस्थी थी। पत्नी के आग्रह को स्वीकार कर कृष्ण दर्शन की लालसा मन में संजोये हुए सुदामा कई दिनों की यात्रा करके द्वारका पहुंचे। द्वारपाल के मुख से सुदामा शब्द सुनते ही भगवान श्रीकृष्ण ने जैसे अपनी सुध-बुध खो दी और वह नंगे पांव ही दौड़ पड़े। दोनों बाहें फैलाकर उन्...