हल्द्वानी, सितम्बर 20 -- हल्द्वानी। कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में जले या झुलसे (बर्न) गंभीर मरीजों की भर्ती बंद है। तीन साल पहले एकमात्र प्लास्टिक सर्जन के इस्तीफे के बाद से यह समस्या शुरू हुई, जिसका समाधान अब तक नहीं हो सका। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इसकी सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ रही है, क्योंकि निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च वहन करना उनके लिए संभव नहीं है। एसटीएच में कुमाऊं भर से बर्न मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार देने के बाद 6 फ्लोर पर स्थित बर्न वार्ड में भर्ती किया जाता था। तीन साल पहले तक प्लास्टिक सर्जन डॉ. हिमांशु सक्सेना की देखरेख में मरीजों का पूरा उपचार किया जाता था। लेकिन सरकारी नीतियों के चलते डॉ. हिमांशु ने नवंबर 2022 में नौकरी छोड़ दी। तब से एसटीएच को दूसरा प्ला...