रांची, सितम्बर 20 -- रांची, वरीय संवाददाता। कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति बनाने की मांग के विरोध में शनिवार को राजभवन के समीप विशाल धरना दिया गया। आयोजन संयुक्त आदिवासी संगठनों ने किया। इसमें कई जिलों से हजारों आदिवासी समाज के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि कुड़मी महतो की एसटी सूची में शामिल करने की मांग मूल आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, हिस्सेदारी, आरक्षण, नौकरी, जमीन और गौरवशाली संघर्षशील आदिवासी विद्रोह के इतिहास पर कब्जा करके मूल आदिवासियों को हाशिए पर धकेलने की साजिश है। यह मांग आदिवासियों की पहचान, अस्तित्व, संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। कुड़मियों का रेल टेका आंदोलन अलोकतांत्रिक गैरकानूनी है। कोलकाता हाईकोर्ट भी स्पष्ट कर चुका है, इसलिए सरकार को कड़ी कार्रवाई आं...