लखीसराय, सितम्बर 8 -- लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के एक भी सरकारी अस्पताल में आईसीयू वार्ड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण आपातकाल की स्थिति में मरीज को सीएचसी, पीएचसी एवं रेफरल अस्पताल से सदर एवं सदर अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए भागलपुर, पटना या पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। जिसमें संबंधित हायर संस्थान जाने के दौरान कई अति गंभीर मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है। क्रिटिकल स्थिति में सदर अस्पताल से रेफर होने के बाद पटना, भागलपुर या पावापुरी की दूरी तय करने के दौरान किसी संभावित अनहोनी से बचने के लिए आर्थिक रूप से संपन्न परिजन शहर के ही किसी इमरजेंसी वार्ड का दावा करने वाले निजी नर्सिंग होम में पीड़ित को भर्ती कराते हैं। जहां उन्हें आर्थिक दोहन के साथ इलाज की भी पूर्ण गारंटी नहीं मिल पाती है। जिसका मुख्य कारण शह...