भागलपुर, जुलाई 15 -- किशनगंज, एक प्रतिनिधि। शहर के तांती बस्ती में रहने वाले एक साधारण मजदूर की तीन वर्षीय बेटी जब बार-बार बीमार पड़ने लगी, तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि वह एक गंभीर जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है। डॉक्टरों ने जब बताया कि बच्ची के दिल में छेद है और उसे तत्काल सर्जरी की ज़रूरत है, तो पूरा परिवार टूट गया। लाखों रुपये के इस इलाज के बारे में सोचकर चिंता में डूब गए क्योंकि यह खर्च उनकी पूरी ज़िंदगी की कमाई से भी कहीं अधिक था। ऐसे में उनकी उम्मीदों की किरण बनी बिहार सरकार की बाल हृदय योजना जिसके माध्यम से पीड़ित बच्ची का इलाज संभव हो सका, बल्कि हर सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क दी गई। यह एक उदाहरण है कि जब योजनाएं ज़रूरतमंदों तक पहूंचती हैं, तो वे जीवनदायिनी बन जाती हैं। सिविल सर्जन डॉ.राजकुमार चौधरी ने बताया कि पीड़ित बच्ची का इलाज दिना...