नई दिल्ली, दिसम्बर 28 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत ने रविवार को कहा कि कानूनी पेशे में उन लोगों को ईनाम मिलता है जो इसे सफलता का शॉर्टकट नहीं, बल्कि एक ऐसी कला मानते हैं, जिसे सावधानीपूर्वक सीखकर ईमानदारी के साथ अभ्यास करना होता है। उन्होंने कहा कि कानून कोई तेज दौड़ नहीं है बल्कि एक लंबी और सोच-समझकर तय की जाने वाली यात्रा है। सीजेआई डॉ. बी.आर. आंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा वकील ऐसे समय में इस पेशे में प्रवेश कर रहे हैं जब इसकी प्रासंगिकता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन तकनीकी बदलाव, आर्थिक जटिलताओं, अधिकारों के बढ़ते विमर्श और कड़ी सार्वजनिक निगरानी के कारण इसकी अपेक्षाएं काफी अधिक हैं। उन्होंने कहा कि वकीलों से केवल प्रभावी ढंग से बहस करने की...