हमीरपुर, दिसम्बर 22 -- भरुआ सुमेरपुर, संवाददाता। कस्बे से गुजरने वाली गायत्री गंगा नदी की पहचान 25 किमी तक नाला तथा 25 किमी तक नदी के रूप में है। करीब 50 किमी लंबी गायत्री गंगा नदी करीब 18 गांवों से होकर गुजरती है। इसमें वर्षपर्यंत पानी रहता है। समाजसेवी राजेश शिवहरे की एनजीटी में की गई पहल के बाद इसकी जीर्णोद्धार की उम्मीद जगी है। गायत्री गंगा नाम इसको उत्तर भारत के प्रसिद्ध ब्रह्मलीन संत स्वामी रोटी राम महाराज नागा स्वामी जी ने 1957 में श्री गायत्री महायज्ञ के दौरान दिया था। तब से इसको कस्बे में गायत्री गंगा के नाम से ही पुकारा जाता है। कुछ गांवों के लोग इसको करोड़न नाला के रूप में जानते हैं, जबकि कुछ गांवों में यह करोड़न नदी के रूप में पहचान बनती है। गायत्री गंगा का उद्गम स्थान छानी बुजुर्ग है। छानी बुजुर्ग से निकलकर छानी खुर्द, कल्ला, ध...