नई दिल्ली, दिसम्बर 29 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायाजय ने सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 की धारा 6(2) की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह प्रावधान प्रशासन को किसी स्वयंसेवक पर कलंक लगाकर, बिना सुनवाई के, सेवा से बाहर करने की ढाल नहीं बन सकता। उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग मनमाने या दंडात्मक तरीके से नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी पर कथित रूप से रिपोर्ट न करने के आरोप में बिना नोटिस हटाए गए सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों के बर्खास्तगी आदेश रद्द कर दिए। अदालत ने अपने फैसले में सामान्य प्रशासनिक बर्खास्तगी और दंडात्मक बर्खास्तगी के बीच स्पष्ट अंतर रेखांकित किया। पीठ ने माना कि धारा 6(2) के...