नई दिल्ली, अक्टूबर 21 -- नौकरी करने वालों के खातों से हर महीने वेतन का 24 फीसदी हिस्सा काटकर भविष्य निधि यानी पीएफ खाते में जमा होता है, जो रिटारमेंट के बाद उन्हें मिलता है। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के हिस्से का पीएफ खुद रख लेती हैं और इसे संगठन के पास या कर्मचारी के खाते में जमा नहीं करती हैं। अब यह बकाया रकम बढ़कर करीब 21 हजार करोड़ हो गई है। इन कंपनियों से कर्मचारियों के बकाया पीएफ को वसूलने का काम तेजी से होगा। ईपीएफओ ने इसके लिए टास्क फोर्स बनाई है। इसे ऐसे मामलों पर खास नजर रखने के लिए कहा है, जहां कंपनियों के पास एक करोड़ रुपये से ज्यादा का पीएफ बकाया है। ईपीएफओ की नजर उन कंपनियों पर टिकी है, जो दिवालिया कानून के तहत परिसमापन (लिक्विडेशन) के लिए जा रही हैं।कंपनियों की निगरानी की जा रही ईपीएफओ ने दिवालिया कानून यानी आईबीसी के...
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