नई दिल्ली, अक्टूबर 10 -- करवा चौथ हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत में सबसे खास होता है चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देना। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा का दर्शन और अर्घ्य पति की लंबी उम्र, खुशहाली और वैवाहिक सुख की कामना पूरी करता है। करवा चौथ का व्रत हर साल भक्ति और प्रेम के साथ मनाया जाता है। यह पति-पत्नी के बीच विश्वास और स्नेह का प्रतीक है।करवा चौथ 2025 चंद्र उदय और पारण समयचंद्रोदय: रात 08:14 बजे व्रत का पारण: चंद्रमा को अर्घ्य देने के तुरंत बादचंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि पूजा की थाली में लोटा (जल से भरा), करवा, छलनी, रोली, अक्षत, मिठाई और दीपक रखें। लोटे के जल में...