औरंगाबाद, दिसम्बर 28 -- इस वर्ष धान की खेती किसानों के लिए गंभीर संकट का कारण बनी हुई है। मौसम की मार और न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ न मिलने से अन्नदाता दोहरी परेशानी झेल रहे हैं। किसानों का कहना है कि फसल पकने के अंतिम चरण में कई दिनों तक हुई तूफानी बारिश से मंसूरी धान की उपज बुरी तरह प्रभावित हुई है। औसत उपज मात्र 15 क्विंटल प्रति बीघा रह गई, जबकि सामान्य वर्षों में यह लगभग 20 क्विंटल होती है। इससे प्रति बीघा करीब 10 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार ने ग्रेड ए धान के लिए 2389 रुपये और सामान्य धान के लिए 2369 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की है, लेकिन किसानों का आरोप है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में उन्हें 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर ही धान बेचने को मजबूर किया जा रहा है। इससे प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपये और प...