नई दिल्ली, दिसम्बर 26 -- हिंदू धर्म में दान-धर्म का विशेष महत्व है। इसे पुण्य का काम माना जाता है। यह न सिर्फ पुण्य का कारण बनता है, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने का भी एक जरिया है। ऐसा करने से भगवान की कृपा भी बनी रहती है। वैसे तो दान कभी भी कहीं भी किया जा सकता है लेकिन शास्त्रों में दान को लेकर कुछ जरूरी नियम बताये गये हैं। शास्त्रों के मुताबिक हर व्यक्ति को अपने न्यायपूर्वक कमाए हुए धन में से 10वें भाग को दान करना चाहिए। कभी भी परिवार को कष्ट पहुंचा कर दान नहीं देना चाहिए। मान्यता यह भी है कि दान फलित तभी होता है, जब आप स्वयं जाकर किसी को दान करें। किसी को घर पर बुलाकर दिया हुआ दान उत्तम श्रेणी का दान नहीं माना जाता है। इन्हीं नियमों में यह भी बताया गया है कि दान कब नहीं करना चाहिए और कौन सा तरीका गलत है। चलिए इसी बारे में जानते हैं दा...