अलीगढ़, अगस्त 27 -- अलीगढ़। पक्की सराय प्राचीन बिहारी जी मंदिर में शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन मंगलवार को कथा व्यास गोविंद ने शिव विवाह का वर्णन हुआ। उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है। भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गए है, परंतु शिव ने विवाह कर संसार को गृहस्थ आश्रम में रहकर भी वैराग्य व योग धर्म का अनुशरण करने का तरीका दिया। भगवान के विवाह के वर्णन में मैना देवी व हिमालय राज की पुत्री के रूप मे मां पार्वती का जन्म लेना। प्रारंभिक काल मे शिव की तपस्या करना, उसी दौरान तारका सुर के आतंक को खत्म करने के लिए शिव की तन्द्रा भंग हुई। तब जाकर शिव पार्वती का विवाह हुआ। इसी दौरान भजनों में ऐ री सखी मंगल गाओ री, खुशियां मनाओ री। शुभ दिन आयो आज सखी री, मंगल आशा मन को सोहे। अग्रवाल अतिथि भवन में शिव बारात भी निका...
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