गोरखपुर, सितम्बर 18 -- गोरखपुर, निज संवाददाता। गीता वाटिका में श्रीभाईजी की 133वें जयंती पर पूज्य श्रीनरहरि दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को भावविभोर करने वाली कथा का रसपान कराया। उन्होंने बताया कि गीतावाटिका में सभी चेतन हैं, कोई जड़ नहीं है। इसके बाद प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि शुकदेवजी ने परीक्षित को बताया कि श्याम सुन्दर बादल की भांति हैं और सुदामाजी व अन्य भक्तगण किसान की भांति। एक प्रसंग में उन्होंने बताया कि द्वारिकापुरी में सूर्यग्रहण के अवसर पर द्वारिकापुरी के सभी लोगों का मिलन होता है। भगवान कृष्ण ने अपने मारे गए सभी भाइयों को पुनः उत्पन्न कर दिया, जिन्हें देखकर माता देवकी को अत्यन्त प्रसन्नता हुई। भाईजी श्रीहनुमानप्रसाद पोद्दार की 133वीं जयंती पर पूरे दिन विविध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए...
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