पलामू, जुलाई 15 -- मेदिनीनगर। इप्टा की पलामू यूनिट संचालित सांस्कृतिक पाठशाला की 76वीं कड़ी में यथार्थवादी कथाकार अमरकांत की शताब्दी वर्ष मनाते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर संवाद किया गया। अध्यक्षता युवा साहित्यकर्मी प्रेम कुमार एवं घनश्याम कुमार ने की। विषय प्रवेश करते हुए प्रेम प्रकाश ने कहा कि कथाकार अमरकांत ने प्रेमचंद की यथार्थवादी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए साहित्य की रचना की। उनका जन्म एक जुलाई 1925 को हुआ था। यह एक संयोग है कि जुलाई महीने की पहली तारीख को अमरकांत का जन्म हुआ, जबकि अंतिम तारीख को प्रेमचंद का। इप्टा के जिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि यह कहानी बहुत ही मार्मिक है और अभावों के बीच जीवन जी रहे परिवार में प्रेम का आधार मां व झूठ को चिह्नित किया गया है।
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