नई दिल्ली, दिसम्बर 24 -- कलराज मिश्र,पूर्व राज्यपाल, राजस्थान किसी भी देश-समाज में अपने विचार, आचरण और संवेदना से पूरे युग की दिशा निर्धारित करने वाले विरले ही लोग होते हैं। आजाद भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम एक ऐसे ही राष्ट्रपुरुष के रूप में दर्ज है। अटल जी राजनीति में थे, पर राजनीति से कहीं ऊपर दिखाई देते थे। उनकी उपस्थिति मात्र से सार्वजनिक जीवन में गरिमा, संवाद और संतुलन का भाव स्थापित हो जाता था। जनता उन्हें इसलिए नहीं मानती थी कि वह प्रधानमंत्री थे, बल्कि इसलिए कि वह सच्चे अर्थों में राष्ट्रनायक थे। मैंने अटल जी को केवल सरकार के मुखिया के रूप में नहीं देखा, बल्कि एक ऐसे मार्गदर्शक के रूप में अनुभव किया, जिनकी सोच राष्ट्रहित, लोक-कल्याण और मानवीय मूल्यों पर आधारित थी। उनका यह कथन कि 'सरकारें आएंगी, जाएंगी; ...