कन्नौज, दिसम्बर 12 -- गुगरापुर,कन्नौज। दक्षिण मुखी श्री हनुमान मंदिर, मिरगावां में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन श्रद्धा और भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। व्यास प्रेम सागर पांडेय ने कंस वध प्रसंग का ऐसा सशक्त और सारगर्भित वर्णन किया कि पूरा परिसर अध्यात्म के रंग में रंग गया। उन्होंने कहा कि जब अत्याचार अपनी सीमा लांघता है, तभी ईश्वर धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं। इसी पावन उद्देश्य से भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का अंत कर मथुरा को भयमुक्त किया। कथावाचक ने बताया कि भविष्यवाणी के डर से कंस ने देवकी और वसुदेव पर अनेक अत्याचार किए थे। लेकिन समय आने पर श्रीकृष्ण और बलराम ने कुबलयापीड़ हाथी, मुष्टिक और चाणूर जैसे अत्याचारियों का वध कर दुष्ट शक्तियों का नाश किया। अंततः श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर धर्म का विजय पथ प्रशस्त किया और उग्रसेन को पुनः रा...