रामगढ़, दिसम्बर 25 -- रामगढ़, निज प्रतिनिधि ओशो फ्रेगरेंस के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ध्यान योग कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को उत्साह और ऊर्जा के साथ हुआ। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में आचार्य दिगंबर ने डायनॉमिक ध्यान योग के माध्यम से सुषुप्त ऊर्जा केंद्रों को जागृत करने की कला सिखाई। सुबह के ध्यान सत्र में ज्ञान, हुमंत्र जाप और रेचन विधि को व्यायाम व नृत्य के माध्यम से सक्रिय किया गया, जिससे साधकों में नई चेतना का संचार हुआ। दूसरे सत्र की शुरुआत स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने जीवन के लक्ष्य पर संवाद से की। साधकों ने आनंद, मुक्ति, मोक्ष, सुख-शांति, धन और परमधाम जैसी कामनाएं साझा कीं। स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि तन-मन के लिए धन और साधनों के लिए धर्म आवश्यक है। ध्यान साधन है और मोक्ष आध्यात्मिक साधन। ओशो के नव-संन्यास की अवधारणा पर...