शामली, दिसम्बर 21 -- ब्लॉक स्थित इस्लामपुर घसोली गांव आज ऑर्गेनिक खेती का चमकता उदाहरण बन चुका है। जहां अधिकांश किसान रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भर हैं, वहीं यहां के राजकुमार सैनी 65 बीघा जमीन पर पूरी तरह रसायन-मुक्त खेती अपनाकर सबको हैरान कर दिया है। उनकी फसलें न केवल भरपूर पैदावार दे रही हैं, बल्कि स्वाद और गुणवत्ता में भी बाजार की फसलों से कहीं बेहतर साबित हो रही हैं। राजकुमार सैनी अपने खेतों में गेहूं, उड़द और सरसों, फल की फसलें शुद्ध गोबर की खाद, जीवामृत, नीम की पत्तियों और देशी केंचुआ खाद वर्मी कम्पोस्ट से उगा रहे हैं। वे बताते हैं, "रासायनिक उर्वरक का एक दाना भी नहीं डाला, फिर भी पैदावार पिछले वर्षों से ज्यादा है और स्वाद पुराने जमाने जैसा हो गया है।" पहले जहां गेहूं की उपज 16-18 क्विंटल प्रति बीघा थी, अब 24-25 क्विंटल तक पहु...
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