नई दिल्ली, अगस्त 22 -- ऑनलाइन गेम एक ऐसा मायाजाल है, जिसमें खिलाड़ी इतना रम जाता है कि उसे आस-पड़ोस तक की सुध नहीं रहती। इसकी लत भी बदतर है और हमारे जीवन को बर्बाद कर रही है। पारंपरिक खेलों में शारीरिक व्यायाम को बढ़ावा मिलता है, जबकि ऑनलाइन गेम में शरीर सुस्त पड़ने लगता है और दिमाग सुन्न। इन खेलों का सिर्फ नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसलिए ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन लोगों में अवसाद, चिंता और मानसिक विकार की समस्याएं दिखती हैं। इतना ही नहीं, हर साल इस तरह के एप पर लोग करोड़ों रुपये गंवा रहे हैं। इस सूरतेहाल में सरकार ने पैसे वाले ऑनलाइन गेम को प्रतिबंधित करने का जो नया कानून बनाया है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। यह देर से उठाया गया, मगर एक दुरुस्त कदम है। दरअसल, युवा पीढ़ी इतनी डिजिटल फ्रेंडली है कि वह शौक-शौक में पहले ऐसे खेलों में फंसती है ...
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