नई दिल्ली, अगस्त 26 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को किसी कंपनी या संस्था के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलएड) के तहत जांच शुरू करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने पर्यावरण हितों की अनदेखी से जुड़े मामले में एनजीटी के उस फैसले को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की है, जिसमें एक निजी कंपनी के खिलाफ ईडी को धन शोधन निवारण कानून के तहत कथित अपराध की जांच करने का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने वारिस केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के मामले में पारित फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पीएमएलए की धारा 3 एक अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप संपत्ति के अवैध ...