अलीगढ़, दिसम्बर 18 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। गोंडा क्षेत्र में 12 साल पहले नकल को लेकर एनएसजी कमांडो की हत्या के बहुचर्चित मामले में बुधवार को फैसला आ गया। एडीजे चार रवीश कुमार अत्री की अदालत ने सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि एक मुल्जिम को आर्म्स एक्ट का दोषी माना है। खास बात ये है कि तथ्य का एक चश्मदीद गवाह पेश किया गया, जो महत्वपूर्ण साबित हुआ। एडीजीसी सुधांशु अग्रवाल ने बताया कि मामले में गोंडा क्षेत्र के गांव मुरवार निवासी श्यामवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि 12 मार्च 2013 को शाम की शिफ्ट में परीक्षा चल रही थी। इंटर कॉलेज में रजावल निवासी रामप्रकाश प्रधान का लड़का पपीस भी परीक्षा दे रहा था। करीब साढ़े चार बजे नकल को लेकर रामप्रकाश का उनके भाई कमांडो तेजवीर व गांव के कुलदीप से झगड़ा हो गया। रामप्र...