पीलीभीत, दिसम्बर 30 -- पीलीभीत। नगर के एक बैकेंट हाल में चल रही अमृतमयी श्री मद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्री गौरवानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक बार प्रभु के लिए त्याग करके देखो। प्रभु इससे दस गुना ज्यादा फल देता है। कहा कि-बिनु सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न होई। बिना सत्संग के ज्ञान नहीं मिलता है और ये प्रभु की कृपा के बिना संभव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि संगत के असर से ही मानव अच्छाई और बुराई के रास्ते पर चलता है। इसलिए मानव को सत्संग को अपनाकर ज्ञान, वैराग और भक्ति का रास्ता चुनना चाहिए। आज के युग में सत्संग और नाम जप करना मानव जीवन के कल्याण में एंटी वायरस की तरह काम करता है। मनु सतरूपा, ऋषि कर्दम देवहुति कपिल संवाद का वर्णन किया गया।इस मौके पर रवि श्रीवास्तव, राजेंद्र आचार्य, एचएन वर्मा, अजीत शुक्...
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