पटना, दिसम्बर 24 -- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आम नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए एक जनवरी से राज्य में राजस्व अभिलेखों की सत्यापित (नकल) प्रति प्राप्त करने की पारंपरिक भौतिक प्रणाली को पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके स्थान पर अब केवल भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां ही निर्गत की जाएगी, जिन्हें विधिक रूप से सत्यापित प्रतिलिपि के रूप में मान्यता प्राप्त होगी। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का यह निर्णय आम नागरिकों की सुविधा, कार्य में पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक निर्णायक कदम है। अब लोगों को सत्यापित नकल के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक हैं और कहीं भी मान्य होंगी। ये लोगों को आसानी से घर बैठे उपलब्ध होंगी...