वाराणसी, अगस्त 25 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर हुआ। पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी के नगवां स्थित आवास से रविवार सुबह 7.30 बजे जब दो अर्थियां एक साथ उठी तो सभी की आंखें नम हो गईं। अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर हुआ। मुखाग्नि बड़े पुत्र राजगोपाल त्रिपाठी ने दी। शनिवार सुबह मऊ जिले के दोहरीघाट क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। शवयात्रा में कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, प्रो. त्रिपाठी के पुत्र राजगोपाल त्रिपाठी, विनय गोपाल त्रिपाठी, प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी के पुत्र शुकदेव त्रिपाठी, ट्रस्ट श्री जगन्नाथ जी के सचिव शैलेश त्रिपाठी दोनों की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले नगवां में अंतिम दर्शन क...