नई दिल्ली, अक्टूबर 11 -- भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने शनिवार को ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर धमकी और 'डिजिटल स्टॉकिंग' के साथ-साथ व्यक्तिगत डेटा और डीपफेक तस्वीरों के कारण लड़कियों के विशेष रूप से संवेदनशील स्थिति में होने को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाज बनाना जहां लड़कियां सम्मान के साथ अपना सिर ऊंचा रख सकें और जहां उनकी आकांक्षाएं शिक्षा और समानता से पोषित हों। उन्होंने डिजिटल स्टॉकिंग के संदर्भ में विशेष कानून बनाए जाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों व नीति निर्धारकों को विशेष प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर जोर दिया। 'डिजिटल स्टॉकिंग' इंटरनेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग करके किसी व्यक्ति को परेशान करना, धमकाना या उसका पीछा करने को कहते हैं। प्रधान न्यायाधीश ने यूनिसेफ, भारत के सहयोग से उच्चतम न्य...
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