गाजीपुर, अक्टूबर 3 -- सादात, हिन्दुस्तान संवाद। सिद्धपीठ हथियाराम मठ में विजयादशमी पर धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं का पालन करते हुए ध्वज, शिव, शक्ति, शस्त्र, शास्त्र और शमी पूजन किया गया। यह पूजा हथियाराम मठ की अपनी विशेष परंपराओं का हिस्सा है, जिसमें बड़ी संख्या में शिष्य और श्रद्धालु मौजूद रहे। सत्संग सभा में सिद्धपीठ के 26वें पीठाधिपति एवं जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नंदन यति महाराज ने कहा कि लगभग 900 वर्ष प्राचीन यह मठ सिद्ध संत महात्माओं की तपोस्थली रही है। उन्होंने जोर दिया कि भारत वासना का नहीं, बल्कि साधना का देश है। महामंडलेश्वर ने कहा कि विदेशों में विज्ञान के साथ वासना भी है, लेकिन यदि इसे उपासना से जोड़ा जाए तो वासना नहीं होगी। भारत में ऋषियों के चिंतन के साथ चरित्र की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने बताय...