देहरादून, सितम्बर 19 -- उत्तराखंड में नदी-नालों के किनारे बसी अवैध बस्तियां आपदाओं को आमंत्रित कर रही हैं। ऐसी बसावटों को रोकने के लिए जरूरी प्रयास नहीं होने से बीते 25 साल के दौरान प्रदेशभर में सैकड़ों अवैध बस्तियां अस्तित्व में आ चुकी हैं। सरकारी विभागों के अनुसार ऐसी बस्तियों का आंकड़ा 582 तक पहुंच चुका है लेकिन असलियत में इनकी संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। उत्तराखंड की नदियों के आसपास अवैध कब्जे करने वालों पर कभी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही लोगों को अवैध रूप से बसाने वालों की ही नकेल कसी गई। इसके लिए जिम्मेदार सरकारी महकमों के अधिकारियों-कर्मचारियों की भी कभी जवाबदेही तय नहीं की गई। इन अवैध कब्जों के लिए सीधे तौर पर सिंचाई विभाग के साथ ही स्थानीय नगर निगम, विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की सीधी भूमिका रही। इनकी लापर...