मिर्जापुर, दिसम्बर 29 -- मिर्जापुर। मां अष्टभुजा धाम में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पं. विष्णु धर द्विवेदी ने उत्तम और ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि समस्त मानव मात्र के अंतर्गत दो बुद्धि है, सुनीति और सुरुचि। सुरुचि के रहने पर उत्तम जैसा पुत्र पैदा होता है और मारा जाता है। सुनीति जैसी बुद्धि रहने पर ध्रुव जैसा बेटा होता है, और वह अटल पद को प्राप्त करता है। इसके बाद पुरंजनोंपाख्यान की कथा में कहा कि यह संसार का प्राणी पुरंजन है। इस पुरंजन के चक्कर में पड़ करके जब चंडवेग आक्रमण करता है तो वृद्धावस्था प्राप्त होने पर समस्त प्राणी मात्र दुख का भाजन होता है। इसके बाद बहुत ही सुंदर जड़भरत की कथा सुनाई। इस अवसर पर पंडित लाल साहब मिश्रा, पंडित सुधाकर तिवारी, पंडित सेठ पांडेय, गायत्री महाराज, अष्टभुजा मंदिर के श्रृंगारिया, मु...