चित्रकूट, दिसम्बर 21 -- चित्रकूट। संवाददाता कोषागार घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इंट्री होने के बाद अब यह माना जा रहा है कि शुरुआती जांच में खुद के साथ ही जिन जिम्मेदारों की भूमिका को नजर अंदाज कर रिपोर्ट तैयार की गई, अब वह भी जांच के घेरे में आ सकते है। दस्तावेज पहुंचने के बाद ईडी फिलहाल घोटाले की अवधि के दौरान कोषागार में पेंशन पटल से लेकर तैनात रहे जिम्मेदारों की भूमिका को चिन्हित कर रही है। वर्ष 2018 से लेकर 30 सितंबर 2025 तक के बीच 93 पेंशनरों के खातों में अनियमित भुगतान कर 43 करोड़ 13 लाख की धनराशि का गबन हुआ है। अभी तक इस गबन में कोषागार के केवल ही दो कर्मियों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस एसआईटी की छानबीन के दौरान पेंशनरों व दलालों के बयानों में कोषागार के कुछ और कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई थी। खास बात यह है कि आ...
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