नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- दिल्ली की एक अदालत ने बेहद महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा है कि यदि कोई महिला व्यभिचार (एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर) में लिप्त रही है तो वह तलाक के बाद अपने पति से किसी भी तरह का भरण-पोषण भत्ता पाने की हकदार नहीं है। फैमिली कोर्ट की जज नम्रता अग्रवाल ने यह फैसला एक तलाकशुदा महिला की याचिका पर सुनाया और गुजारा भत्ता पाने की उसकी मांग को खारिज कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार दंपति के बीच इस साल मई महीने में तलाक हुआ है, जिसके बाद महिला ने फैमिली कोर्ट में गुजारा भत्ता के लिए याचिका लगाई थी।DNA रिपोर्ट के आधार पर मिला था तलाक 20 अगस्त को दिए अपने आदेश में दिल्ली की पारिवारिक अदालत ने कहा कि एक अन्य अदालत ने इस आधार पर इस दंपति के तलाक को मंजूरी दी थी, क्योंकि पत्नी व्यभिचार में लिप्त थी। यानी शादीशुदा होने के बाद भी क...