नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- कतर की राजधानी दोहा में इजरायल के हमले के खिलाफ 60 मुस्लिम देशों के जुटान में कोई बड़ा प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। इजरायल के खिलाफ एक औपचारिक जैसा प्रस्ताव जरूर पारित हुआ, जिसमें उसकी निंदा की गई और गाजा में हमलों की तुलना नरसंहार से की गई। लेकिन इस मीटिंग में एक नई चर्चा जरूर शुरू हो गई, जिसकी बात मिस्र, पाकिस्तान और तुर्की ने की। यह बात थी- अमेरिका की लीडरशिप वाले नाटो की तर्ज पर इस्लामिक नाटो का गठन करना। यह आइडिया मिस्र और पाकिस्तान जैसे देशों की ओर से ही आया। मिस्र का कहना था कि इस्लामिक नाटो संगठन का मुख्यालय मिस्र में बनाया जा सकता है। इसे लेकर चर्चा इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान को लेकर माना जा रहा है कि वह इस्लामिक एकता के नाम पर एक एजेंडे के तौर पर जोर देता है। ऐसे में इस्लामिक नाटो की बात करके पाकिस्तान ने...