इटावा औरैया, अक्टूबर 12 -- पुरा मुरोंग में चल रही श्री राम कथा के चौथे दिन श्री राम लला व उनके भाइयों की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए व्यास सुशील महाराज ने राम व भरत के भ्रातृत्व प्रेम की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने परिवारों में भाई-भाई के आपसी प्रेम पर जोर देते हुए बताया कि संबंधों को कैसे जीवंत बनाया जा सकता है। परिवारों को कैसे सुखी आनंदित व प्रेममयी बनाया जा सकता है। व्यास जी ने कहा कि श्री राम व उनके भाइयों में अटूट आपसी प्रेम से हम सबको सच्ची सीख मिलती है। श्री राम जी का अपने माता-पिता व गुरु की आज्ञा का सहर्ष पालन करना भी हमें अपने माता-पिता के प्रति कर्तव्यों का बोध कराता है। कहा कि मात-पिता और गुरु की वाणी- बिना विचार करें शुभ जानी। सभी को खासकर आज की नई पीढ़ी को विशेष रूप से मानस की इन लाइनों से अवश्य सीख लेनी चाहिए। कथा में...