इटावा औरैया, अक्टूबर 11 -- पुरा मुरोंग गांव में श्री राम कथा के तीसरे दिन पं.सुशील महाराज ने श्री महादेव व माता पार्वती के विवाह की कथा सुनायीं। उन्होंने कहा शिव-पार्वती विवाह को एक सामाजिक अथवा धार्मिक घटना के रूप में नहीं देखा-समझा जाना चाहिए, यह तो सच्चे प्रेम, धैर्य, भक्ति व साधना का एक विशेष उदाहरण है। व्यास जी ने कहा कि यह कथा हमें पूरी श्रद्धा, धर्म व आदर की राह सिखाती है। इसे सुनने से शरीर में भक्ति भावना व आत्मिक शक्ति जागृत होती है। कथा में आगे बढ़ाते हुए नारद मोह, पृथ्वी के आग्रह पर राजा दशरथ के यहां श्री राम जी सहित चारों पुत्रों का जन्म एवं मोक्षदायिनी मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण आदि का वर्णन किया। प्रसिद्ध संत श्री हरि भजन दास जी महाराज पिलुआ मंदिर वाले भी तीसरे दिन कथा सुनने पहुंचे। यज्ञपति अनंत राम शर्मा परीक्षित नीरज शर्म...