मुजफ्फर नगर, दिसम्बर 22 -- खतौली। दिगम्बर जैन मंदिर, पिसनोपाड़ा में विराजित क्रांतिवीर मुनि श्री 108 प्रतीक सागर जी महाराज ससंघ ने अपने मंगल प्रवचन बताया जैसे कमल कीचड़ में रहते हुए भी कीचड़ से निर्लिप्त रहता है, जबकि कीचड़ में पलने वाला कीड़ा कीचड़ में संलग्न रहता है। महाराज श्री ने कहा कि जब जिंदगी बोझ लगने लगे जाए तो समझना आपका जिंदगी मिथ्यात्व के साथ चल रही है, जब जिंदगी त्योंहार लगने लगे जाए तो समझना आपकी जिंदगी सम्यक्त्व के साथ चल रही है। आज के समय मे माता पिता पुत्र को संस्कार नही दे रहे है क्योंकि वह खुद ही संस्कार विहीन है। आयुषी जैन, अंजलि जैन, समाज के अध्य्क्ष रामकुमार जी जैन, सुरेंद्र जैन कुलदीप जैन अतुल जैन , आलोक जैन, सुनील जैन अशोक तिगाई, पीयूष , पर्स रेडीमेट, निर्दोष जैन शील चंद मुखिया जी योगेश जी सराफ अनिल सराफ , सुनील सराफ, हं...