हरदोई, सितम्बर 18 -- संडीला। इंसानियत और साम्प्रदायिक एकता के प्रतीक सूफी बुज़ुर्ग हज़रत सैय्यद शाह शरफउद्दीन अहमद सागर मियां चिश्ती निज़ामी रहमतुल्लाह अलैह के 20वें यौमे विसाल पर मंगलवार को मोहल्ला मंगल बाजार स्थित दरगाह पर जलसा-ए-बयादगार हज़रत सागर मियां का आयोजन हुआ। इस मौके पर उनके सूफी पैग़ाम और इंसानियत को बढ़ावा देने वाली शिक्षाओं को याद किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तहरीक परचमें मोहम्मदी के अध्यक्ष फरीदउद्दीन अहमद ने की। उन्होंने कहा कि सूफीवाद केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि अमल का रास्ता है। दरगाह के सज्जादानशीन मुईज़ुद्दीन अहमद साग़री चिश्ती ने बताया उनकी शख़्सियत आज भी प्रेरणा का स्रोत है। मुख्य अतिथि हज सेवा समिति अध्यक्ष अब्दुल ख़ालिक सिद्दीकी रहे। जलसे का संचालन हाफिज़ मुकीम ने किया। मौलाना सरवर जमाल, मास्टर फ़ैयाज़ खान, च...